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- पथ प्रदर्शक कार्यक्रम के अन्तर्गत 49 मेधावी छात्रों को प्रदान की गई छात्रवृत्ति।
- सामाजिक कार्य एवं शैक्षणिक उन्नयन हेतु राज्यपाल ने प्रदेश की 23 सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं को प्रदान की आर्थिक सहायता।
- वर्तमान समय ज्ञान-विज्ञान और अनुसंधान का है- राज्यपाल।
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 06 शोधार्थियों गवर्नर्स रिसर्च अवॉर्ड से सम्मानित किया। इस दौरान “पथ प्रदर्शक” कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न संस्थानों में अध्ययनरत 49 मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां प्रदान की गयी। इसके अलावा कार्यक्रम में प्रदेशभर की 23 सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गयी।
गवर्नर्स रिसर्च अवॉर्ड के अन्तर्गत उत्कृष्ट शोध करने वाले विभिन्न संस्थानों के 6 शोधार्थियों को सम्मानित किया गया। जिसके तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार डॉ0 अचलेश देवरे सहायक प्राध्यापक दून विश्वविद्यालय, द्वितीय पुरस्कार डॉ0 अनिल कुमार, सहायक प्राध्यापक यूपीईएस एवं तृतीय पुरस्कार डॉ0 सुरेन्द्र सिंह, सहायक प्राध्यापक दून विश्वविद्यालय को प्रदान किया गया। इसके अलावा मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान में प्रथम पुरस्कार डॉ0 श्वेता सूरी, जी.बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि.वि पंतनगर, द्वितीय पुरस्कार डॉ0 ऐश्वर्य प्रताप, दून वि.वि एवं तृतीय पुरस्कार डॉ0 राशि मिश्रा सहायक प्राध्यापक दून विवि को प्रदान किया गया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) की विशेष पहल पर वर्ष 2022 में शुरू किए गए “पथ प्रदर्शक” कार्यक्रम के अन्तर्गत पथ प्रदर्शक-2023 में 49 मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से केन्द्र सरकार के राजकीय संस्थानों में अध्ययनरत 11 विद्यार्थियों, राज्य सरकार के संस्थानों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 31 विद्यार्थियों एवं विभिन्न संस्थाओं में पढ़ने वाले 07 अनाथ मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां प्रदान की गई। पथ प्रदर्शक-2023 कार्यक्रम में कुल 49 मेधावी विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा कुल 20 लाख 25 हजार रूपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई।
इसी कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) द्वारा प्रदेश भर के 23 सामाजिक संस्थाओं को सामाजिक कार्य एवं शैक्षणिक उन्नयन हेतु 16 लाख 32 हजार 197 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इस दौरान राज्यपाल ने उत्तरकाशी जनपद में मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में अभिनव कार्य करने वाली सुश्री दीपिका कैंतुरा को 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सभी रिसर्च स्कॉलर्स एवं मेधावी छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आने वाला समय ज्ञान, विज्ञान एवं अनुसंधान का है। ज्ञान, विज्ञान के बल पर जीवन को सरल और सुगम बनाने के साथ ही विकास और उन्नति को हासिल किया जा सकता है। भारत आज अपने प्रतिभावान शोधार्थियों एवं वैज्ञानिकों के बूते विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। भारत देश आज विश्व शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है, जिसमें हमारे शोध एवं अनुसंधान का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि भारत अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है और इस अमृतकाल में देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हमारे युवाओं के कंधों पर है। राज्यपाल ने कहा कि आज की हमारी उपलब्धियां हमारे युवाओं के असीमित उत्साह, ऊँचे हौसलों और दृढ़ संकल्प के बल पर ही हासिल हो रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मेधावी छात्र अपने अंदर नेतृत्व की भावना पैदा करें एवं अपने प्रयासों से राष्ट्र व समाज के निर्माण में योगदान दें। राज्यपाल ने कार्यक्रम में मौजूद मेधावी छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उन्हें अध्ययन के दौरान कभी भी अन्य शैक्षणिक संसाधनों की आवश्यकता होगी तो उसे पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।
इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के विभिन्न सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं को उनकी निःस्वार्थ भाव से की जा रही सेवा और जनहित में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने सभी सामाजिक संस्थाओं से अपेक्षा की है कि भविष्य में वे और व्यापक स्तर पर सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन ने ‘गवर्नर्स रिसर्च अवॉर्ड’, “पथ प्रदर्शक” छात्रवृत्ति एवं ‘सामाजिक संस्थाओं’ को दी जाने वाली आर्थिक सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान, जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि.वि के कुलपति प्रो0 मनमोहन सिंह चौहान, दून वि.वि की कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल, पूर्व कुलपति श्री देव सुमन वि.वि प्रो0 पी.पी.ध्यानी, उप सचिव एन. के. पोखरियाल, अनुसचिव गजेन्द्र नौटियाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वित्त नियंत्रक डॉ0 तृप्ति श्रीवास्तव द्वारा किया गया।