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- योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर दिया जाए ध्यान- मुख्यमंत्री
- विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों की होगी तीन माह में समीक्षा।
देहरादून। विधायकगणों द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र की जो समस्याएं रखी जा रही हैं, उनका अधिकारी शीघ्रता से समाधान करें। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि सामान्य प्रक्रिया के तहत चलने वाले कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो, उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में क्षेत्रों की छोटी समस्याएं न आयें, इनका निदान जिलाधिकारी जनपद स्तर पर यथाशीघ्र करें। विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्रों के जो कार्य प्राथमिकता पर रखे गये हैं, उनमें अनावश्यक विलंब न हो। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में टिहरी लोकसभा क्षेत्र की विधानसभाओं के गतिमान कार्यों एवं विकासपरक योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा विधानसभाओं की समीक्षा बैठक के दौरान विभिन्न क्षेत्रों की जो भी समस्याएं आ रही हैं, उनके समाधान के लिए विभिन्न विभागों द्वारा क्या आवश्यक कार्यवाही की जा रही है, इसकी भी नियमित समीक्षा की जाए। जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। विभागीय सचिव विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए अपने विभागों की नियमित समीक्षा करें। जनपदों के प्रभावी सचिव भी नियमित रूप से जनपदों में विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि विधानसभाओं के विकास कार्यों की समीक्षाएं प्रत्येक तीन माह में की जायेंगी। अभी जो बैठक हो रही है, इनमें विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्रों की जो समस्याएं रखी गई है, उनके समाधान के लिए किये गये प्रयासों की भी अगली बैठक में समीक्षा की जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में बागवानी, कृषि, पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए और तेजी से कार्य किये जाएं। स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध होने से पलायन भी रूकेगा। एप्पल एवं कीवी मिशन के तहत भी तेजी से कार्य किये जाएं। किसानों को बागवानी और खेती के लिए उन्नत किस्म के बीज और पौध की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। राज्य की आर्थिकी को तेजी से बढ़ावा देने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये की आगामी ग्रीष्म काल के दृष्टिगत पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
बैठक में विधाकगणों द्वारा सड़कों के निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने, बाढ़ सुरक्षा के कार्य, पेयजल की समस्या, कूड़ा निस्तारण की समस्या, ड्रेनेज एवं सीवरेज की समस्या से अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगणों द्वारा जो भी जन समस्याएं रखी गई हैं, उनका हर संभव समाधान किया जायेगा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद टिहरी माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह पंवार, शक्तिलाल शाह, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव सिंह पुण्डीर, उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, सविता कपूर, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश सिंह चौहान, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. रंजीत सिन्हा, एच.सी. सेमवाल, डॉ. आर. राजेश कुमार, एस.एन.पाण्डेय, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव जगदीश चन्द्र काण्डपाल, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।